उत्तराखण्ड में लागू होगा समान नागरिक संहिता कानून
सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र होगा साकार
नई दिल्ली। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बीते चुनावों में राज्य की जनता से किये जाने वाले वादे को निभाने का वक्त आ गया है इसी दिशा में दिल्ली पहंचे उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए अपने वादे को निभाने की जानकारी मीडिया को दी। मीडिया से वार्ता करते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट उन्हें सौंप दिया है जिसके चलते अब आगे का काम करने की जिम्मेदारी उनकी है लिहाजा इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए 740 पृष्ठों की चार वोल्यूम में तैयार की गई इस विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट को 05 फरवरी से आयोजित हो रहे राज्य विधान सभा के सत्र में सभी दलों के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा एवं विचार-विमर्श के उपरान्त इस ड्राफ्ट रिपोर्ट को अधिनियम के रूप में उत्तराखण्ड राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमनें 2022 के विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता से वादा किया था कि सरकार बनने पर राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून लागू किया जाएगा लिहाजा सरकार बनते ही इस दिशा में वरीयता के साथ इस काम में सरकार लगी हुई थी जो कि आज पूर्णता की ओर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमनें सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था जिसके लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गयी थी। सीएम धामी ने बताया कि कि इस देवभूमि से तैयार होने वाला यह विधेयक किसी का भी विरोध करने के लिए नहीं बल्कि प्रदेश हित के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ तथा सबका साथ, सबका विकास के प्रधानमंत्री श्री मोदी के मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।