उत्तर प्रदेश में नहीं होगी प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती। शिक्षा मित्रों का बढ़ सकता है मानदेय।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के प्रामइरी स्कूलों के लिए अभी नये शिक्षकों की भर्ती नहीं करने का फैसला लिया गया है। हालांकि प्राइमरी विद्यालयों में तैनात शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाया जा सकता है।
सपा विधायक अनिल प्रधान और अभय सिंह द्वारा शिक्षक भर्ती के संबध में पूछे गये एक सवाल का जबाब बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह द्वारा सदन में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार का मानना है कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है या फिर ये कहें कि संख्या पर्याप्त है लिहाजा प्रदेश सरकार नये शिक्षकों की भर्ती फिलहाल नहीं करेगी।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए कहा और माना कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अनुदेशक और शिक्षा मित्र भी शिक्षण कार्य करते हैं। जानकारी के मुताबिक अनुदेशक, शिक्षा मित्र और सहायक अध्यापकों की कुल संख्या 6,28,915 है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में 30 छात्र पर एक शिक्षक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 छात्र पर एक शिक्षक का प्रावधान है लिहाजा आंकड़ों के हिसाब से परिषदीय विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक हैं।

उन्होंने कहा कि बीते सात सालों के कार्यकाल में सरकार द्वारा 1,26,371 सहायक अध्यापकों की भर्ती की है और 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। लिहाजा फिलहाल सरकार के पास शिक्षक भर्ती का कोई प्रस्ताव या प्रक्रिया विचाराधीन अथवा लम्बित नहीं है।
वहीं इस दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री ने ये भी बताया कि सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार कर रही है इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है जिसकी रिपोर्ट आने पर विचार किया जाएगा और शीघ्र ही इस संबध में निर्णय ले लिया जायेगा।

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