मथुरा टुडे (न्यूज डेस्क) किसान आन्दोलन मामले में रविवार की शाम केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बैठक के दौरान केन्द्र सरकार ने किसानों को गेहूँ और धान के अलावा मसूर, उड़द, मक्की व कपास की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का सशर्त प्रस्ताव रखा है केन्द्र सरकार के मुताबिक किसानों को इन फसलों के उत्पादन के लिए नैफेड और सीसीआई से पांच साल का करार करना होगा।
केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने अभी अपनी सहमति प्रदान नहीं की है इसका फैसला सोमवार को होगा लिहाजा फिलहाल आंदोलन जारी रहेगा।
जानकारी के मुताबिक रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक के दौरान एक बार फिर आपसी सहमति के लिए वार्ता हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने धान – गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने की पेशकश की है। लेकिन इसके साथ सरकार ने किसानों के आगे एक शर्त भी रखी है और वो ये कि इन फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल के लिए एक लिखित करार भी करना होगा।
केन्द्र सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने न तो असहमति जताई है और न ही सहमति दी है। किसान नेताओं का कहना है कि सभी किसान संगठनों से विचार-विमर्श करने के बाद ही इस मामले में वह अपना अंतिम फैसला बताऐंगे। लेकिन तब तक आन्दोलन ऐसे ही जारी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल वार्ता से बेहद संतुष्ट नजर आये जिसके चलते उन्हांने मीडिया से वार्ता करते हुए बैठक के संबध में जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में जिस तेजी के साथ भूजल का स्तर घट रहा है उसे दृष्टिगत रखते हुए उसे बचाने के लिए फसलों का विविधीकरण जरूरी है और इसी आधार को लेकर सरकार द्वारा यह प्रस्ताव दिया गया है।
बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी विशेष रुप से उपस्थित रहे।