ज्ञानवापी मामला : अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने लगाये वाराणसी जिला न्यायालय पर आरोप, कोर्ट के फैसले से नाराज मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा ‘‘सब बिक गये हैं। ’’

जिला प्रशासन को भी दी माहौल खराब होने की धमकी।
मथुरा टुडे ब्यूरो। मामला रामजन्मभूमि का हो या फिर ज्ञानवापी का फिर भले ही मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह का ही क्यों न हो। समय समय पर जहां एक पक्ष की सहनशीलता देखने को मिलती है तो वहीं दूसरे पक्ष की कट्टरवादी मानसिकता सामने आ ही जाती है जिसका प्रमाण एक बार फिर उस समय देखने को मिला जबकि वाराणसी स्थित श्रंगार गौरी परिसर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जब जिला कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए श्रृंगार गौरी परिसर में ब्यास तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति प्रदान करते हुए जिला प्रशासन को उसके अनुपालन के आदेश पारित किये।

बस फिर क्या था कल तक कानूनी चोला पहनकर कानून की बात करने वाले मुस्लिम पक्ष के लोगों की प्रतिक्रियाऐं आनी शुरु हो गयीं। इतना ही नहीं इस मामले में तो एक अधिवक्ता महोदय ने तो सारी हदें पार करते हुए मानो अपने कट्टरता पर लगा कानूनी मुखौटा ही उतारकर फैंक दिया ।
अधिवक्ता महोदय कोर्ट के निर्णय के बाद इतने बागबबूला हो गये कि उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कह डाला कि वह ऐसे किसी निर्णय को नहीं मानेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान जिला न्यायालय पर बिकने का आरोप मढ़ते हुए यह तक कह डाला कि ‘‘सब बिक गये हैं’’।
हम आपको बता दें कि ऐसी घोषणा करने वाले ये अधिवक्ता महाशय कोई और नहीं बल्कि वही हैं जो कि इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर स कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और जिनका नाम है मेराजुद्दीन सिद्दकी।

मेराजुद्दीन सिद्दकी ने दी खुली धमकी ……..

वाराणसी जिला न्यायालय के निर्णय के बाद मुस्लिम समुदाय की ओर से भले ही कोई भड़काउ या धमकाने वाली प्रतिक्रिया न आयी हो लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दकी कोर्ट के इस निर्णय के बाद इतने भड़के हुए नजर आये कि न तो उन्होंने कोर्ट को बख्शा बल्कि खुले तौर पर धमकी देने पर उतर आये।

इस दौरान मेराजुद्दीन सिद्दकी ने खुले तौर पर धमकी देते हुए कहा कि अब क्या होगा ये डीएम जाने और प्रशासन क्योंकि हमने तो अपने लोगों के अमन के लिए अब तक दबाए रखा था लेकिन अब हम अपने लोगों से कोई अपील नहीं करेंगे और अब क्या होगा या जो भी होगा उसे देखने का काम डीएम का है, मेरा नहीं मेरा काम कानूनी लड़ाई लड़ना है।

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