बुद्धवार का दिन सनातन धर्माबलम्बियों के लिए लाया खुशी की सौगात वाराणसी कोर्ट ने दी गौरी श्रृंगार मन्दिर परिसर ‘‘ज्ञानवापी’’ स्थित तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति


जिलाधिकारी को 7 दिन के अन्दर व्यवस्था करने के दिये आदेश।

मथुरा टुडे ब्यूरो । वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मामले में बुद्धवार को वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले ने ओर हिन्दू पक्ष के चेहरे पर खुशी की लहर दौडा दी। जिला न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय को सुनाते हुए जहां एक ओर बीते 31 वर्षों से बन्द पड़े व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति हिन्दू पक्ष को प्रदान की तो वहीं ने बुधवार को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है।

गौरतलब है कि इस तहखाने में 1993 से पूजा-पाठ बंद था। यानी 31 साल बाद यहां पूजा-पाठ की इजाजत दी गई है। कोर्ट ने कहा कि तहखाने में पूजा अर्चना करने के लिए पुजारी की नियुक्ति काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा की जायेगी। इसके लिए वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के आदेश कोर्ट के द्वारा दिये गये हैं।

आपको बता दें कि वर्ष 1993 तक तहखाने के पारंपरिक पुजारी रहे व्यास परिवार द्वारा पूजा अर्चना की जाती थी लेकिन 6 दिसम्बर 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस बाद संभवतः सुरक्षा की दृष्टि से तत्कालीन सरकार के एक मौखिक आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर की बैरिकेटिंग करा दी गयी। इसके बाद ज्ञानवापी में स्थित तहखाने को सील कर दिया गया, चाबी जिला अधिकारी को जमा करा दी गयी लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि चाबी जिलाधिकारी पर थी ओर तहखाने के दरवाजे को ही गायब कर दिया गया लेकिन शासन और प्रशासन चुप रहा। इतना ही नहीं स्थिति सामान्य होने के बाद भी किसी भी सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया जिसके कारण तहखाने के पारंपरिक पुजारी रहे व्यास परिवार द्वारा न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाया और एक याचिका दाखिल की गयी थी जिसके तहत जिला एवं सत्र न्यायालय वाराणसी का फैसला आया है।

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