किसानों और सरकार के बीच वार्ता हुई विफल-न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं बन सकी सहमति।

चंडीगढ़ ‘‘संवाद सूत्र-मथुरा टुडे’’ ।   

अपनी मांगों को लेकर किसान संगठन एक बार फिर सरकार के सामने चुनौती बनकर खड़े होने को तैयार है। अपनी बात मनवाने के लिए किसानों ने एक बार फिर आन्दोलन का मन बनाकर दिल्ली कूच करने का एलान कर दिया है।

हालांकि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को आन्दोलन से रोकने के लिए बातचीत का माध्यम अपनाया है लेकिन वह भी कारगर साबित होता नजर नहीं आ रहा।

जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ के महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में केन्द्र सरकार के संबधित मंत्रालयों के मंत्रियों व किसान नेताओं के बीच सोमवार को एक बैठक का आयोजन भी हुआ।

बैठक में केन्द्र सरकार की ओर से केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल व कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा बैठक में मौजूद रहे तो वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति महासचिव सरवन सिंह पंढेर वार्ता के लिए उपस्थित रहे।

बैठक सोमवार की शाम लगभग 6ः30 पर शुरु हुई जिसमें दोंनों पक्षों द्वारा अपनी-अपनी बात कही गयी।

बैठक के दौरान किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य ‘‘एम.एस.पी.’’ की गारंटी की मांग रखी जिसे लेकर सरकार और किसान संगठनों में सहमति नहीं बन सकी। वार्ता का ये दौर लगभग मध्य रात्रि तक चला।

जानकारी के मुताबिक बैठक समाप्त होने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। 

बैठक के दौरान 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केस वापस लेने, आन्दोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने एवं बिजली अधिनियम-2020 को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों ने अपनी बात रखी जिसके फलस्वरुप बाकी सभी मांगों पर तो सहमति बन गयी लेकिन जब बात न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की आयी तो इस पर सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बन सकी। किसान किसी भी हाल में एमएसपी की गारंटी के मुद्दे से पीछे हटने को तैयार नहीं। जिसके चलते बैठक सफलता का परवान नहीं चढ़ सकी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बातचीत होगा समाधान – किसानों ने सरकार पर लगाया टाल-मटोल करने का आरोप।

मंगलवार ‘‘’आज’’ दिल्ली की ओर कूच करेंगे हजारों किसान।

सरकार की ओर से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार बातचीत को लेकर गंभीर है और सरकार हमेशा से समाधान चाहती है यही कारण है कि कुछ मुद्दों पर सहमति बन चुकी है लेकिन जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी है उसके समाधान के लिए हमने कमेटी बनाने के लिए कहा है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान सिर्फ बातचीत से ही हो सकता है और हमें आशा है कि बातचीत के माध्यम से ही समाधान निकलेगा।

वहीं दूसरी ओर बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि सरकार के पास किसानों के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है, वह बस बातों में लगाकर किसानों की मांगों को टालना चाहते हैं। लेकिन अब किसान सरकार की बातों में नहीं आयेंगे और मंगलवार को हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

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