शराब घोटाले में घिरे आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल पर ED का कसता शिकंजा जहां एक ओर केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ाता नजर आ रहा है वहीं दूसरी ओर अब आम आदमी पार्टी की परेशानी भी
मथुरा टुडे (न्यूज डेस्क)
गौरतलब है कि आप की दूसरे और तीसरी लाइन की लीडरशिप पहले से ही जेल की सलाखों के पीछे है लेकिन अब पार्टी के संस्थापक और मुखिया यानि कि पार्टी की सुप्रीम लाइन भी जेल में पहुंच गयी है वो भी ऐसे समय जबकि लोकसभा चुनावों की तारीखें घोषित हो चुकी हैं और सभी राजनैतिक दल पूरी ताकत के साथ चुनावों में लगे हुए हैं अब ऐसी स्थिति में यदि किसी पार्टी का हाईकमान ही जेल के अन्दर हो तो चुनावों में पार्टी का क्या हाल होगा ये समझना कोई मुश्किल नहीं।
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी के लिए ये चुनौती बेहद ही मुश्किल तो है ही साथ ही पार्टी का हाल भी बिना सेनापति की सेना के जैसा हो चला है। मानो कोई सेना बिना नेतृत्व के युद्ध के मैदान में खड़ी हो और युद्ध का विगुल बज चुका हो।
इस परिस्थिति में पार्टी के कार्यकर्ता और नेतृत्व की अंतिम लाइन के हौसले पस्त होना या उनका असहाय होना स्वाभाविक है।
बाबजूद इसके अरविन्द केजरीवाल जिस तरह की राजनीति करते हैं और करते आये हैं ऐसे में ये कहना भी गलत नहीं होगा कि केजरीवाल सहजता से हार मानने वालों में से नहीं हैं कुछ न कुछ तो ऐसा करेंगे जो कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।