मालदीव सरकार ने भारतीय सैनिकों को दी मालदीव छोड़ने की चेतावनी I
मथुरा टुडे ब्यूरो । कहते हैं एक जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर भागने लगता है।लेकिन वैश्विक पटल पर अब यदि ये कहा जाये कि जब किसी देश की शामत आती है तो वह चीन के हाथों में खेलने लगता है।
पाकिस्तान के बाद अब कुछ ऐसा ही हाल भारत के एक और अन्य पड़ोसी देश मालदीव सरकार का है जिसकी मोइज्जु सरकार इन दिनों चाइना की गोद में खेलने में इतना मशगूल है कि उसके हाथ की कठपुतली बनकर न सिर्फ एहसान फरामोशी का उदाहरण पेश कर रहा है बल्कि अपने ही देश को गर्त में ले जाने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा है जिसके चलते वह भारत जैसे शक्तिशाली पड़ोसी देश से भी दुश्मनी मोल लेने जैसा आत्मघाती कदम उठाने लगा है। जिसकी बानगी हाल ही में पहले मालदीव सरकार के कुछ मंत्रियों द्धारा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी के रुप में सामने आयी थी और अब मालदीव के राष्टपति मौहम्मद मोइज्जु ने स्वयं मालद्धीप से भारतीय सैनिकों को देश छोड़कर जाने की चेतावनी देकर इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है।
जैसा कि आप जानते हैं कि हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी द्वारा लक्ष्यद्धीप की यात्रा की थी और उनके द्वारा वहां बिताये गये पलों की अपनी तस्वीरों और वीडियो को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किये थे जिसमें उन्होंने लक्ष्यद्धीप को एक बेहतरीन पर्यटन के तौर पर लोगों को आने का न्यौता दिया था। जिसके चलते मोदी की इसी अपील से तमतमाए पड़ोसी देश मालद्धीप सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और भारत के पर्यटन सुविधाओं को लेकर कुछ अपमानजनक टिप्पणियां देनी शुरु कर दी थीं।
इसका जबाब जब तक भारत सरकार देती उससे पहले ही देश की नामी गिरामी हस्तियों, टूरिज्म एजेन्सियों एवं भारतीय पर्यटकों द्वारा मालद्धीप का बहिष्कार जैसी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी जिसके असर मालद्धीप में चन्द घन्टों में ही देखने को मिलने लगा और मालद्वीप की मोइज्जू सरकार को अमर्यादित बयान देने वाले अपने उन मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा लेकिन सिलसिला फिर भी नहीं थमा जिसके चलते मालद्वीप के होटल की बुकिंग और फलाइट्स की बुकिंग भी कैंसिल होने लगी।
इससे मालद्धीप सरकार की बौखलाहट और बढ़ गयी और जा पहुंचा अपने नये नये आका चीन के राष्टपति जिनपिंग के पास।
गौरतलब है कि चीन की यात्रा से लौटने के बाद चीन के भड़काने और उसकी हाथ की कठपुतली बने मालद्वीप के राष्टपति मौहम्मद मोइज्जू ने मालद्वीप में तैनात भारतीय सैनिकों को मार्च 2024 तक मालद्धीप छोड़कर जाने की